देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने चिंता में डालने वाला बयान दिया है। उनके मुताबिक भविष्य में हमारी वैक्सीन की क्षमता कमजोर पड़ सकती है और बदलते कोविड वैरिएंट्स को देखते हुए नई वैक्सीन की जरूरत महसूस हो सकती है।
वैक्सीन पर भारी ओमिक्रॉन
डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि देश को ऐसे वैक्सीन प्लेटफॉर्म तैयार करने चाहिए, जिनमें वायरस के बदलते वैरिएंट के मुताबिक तेजी से बदलाव किए जा सकें। भारत में वायरस उस स्टेज की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है, जब उससे कम या मध्यम संक्रमण फैलता है। इस स्थिति को एंडेमिसिटी कहा जाता है। ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि वायरस के सामने हमारी वैक्सीन असरदार न रहें। पिछले तीन हफ्ते में ओमिक्रॉन के साथ रहते हुए हमने देखा है कि ऐसे हालात बने हैं। हालांकि वैक्सीन के बेअसर होने के बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।उन्होंने चेतावनी दी कि वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
जरूरत के हिसाब से वैक्सीन को मॉडिफाई करना होगा
हम कितनी जल्दी ऐसी वैक्सीन बना सकते हैं जिसमें एक ही प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हो, लेकिन वह नए वैरिएंट पर असरदार हो। हमें उस हालात के लिए खुद को तैयार करना होगा जब हम जरूरत के हिसाब से टीके में बदलाव कर पाएं। यह हर तीन महीने में नहीं हो सकता, लेकिन शायद हर साल हो सकता है।"
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